मनोविज्ञान व्यवहार तथा सामाजिक प्रक्रियाओं का वैज्ञानिक अध्ययन है|” - एटकिंसन, स्मिथ व हिलगार्ड मनोविज्ञान को अंग्रेजी में” साइकोलोजी” कहते हैं| साइकोलोजी शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के दो शब्दों साइकी तथा लोगों से मिलकर हुई है|
साइकि का अर्थ है- आत्मा, लोगस का अर्थ हैं- अध्ययन| अर्थात साइकोलॉजी शब्द का शाब्दिक अर्थ है- आत्मा का अध्ययन
| मनोविज्ञान का प्रारंभ अरस्तु के समय में दर्शनशास्त्र की एक शाखा के रूप में हुआ था धीरे धीरे यह दर्शनशास्त्र से अलग होकर एक स्वतंत्र विषय के रूप में उभरकर सामने आया| दर्शनशास्त्र से एक अलग विषय के रूप में अपने इस यात्रा में मनोविज्ञान को अनेक अर्थ में परिभाषित किया गया |
१ आत्मा का विज्ञान- प्लेटो, अरस्तु
नए मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान के रूप में स्वीकार किया था| मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान 16 शताब्दी मैं स्वीकार किया गया|
2 मन या मस्तिष्क का विज्ञान-
17 शताब्दी में दार्शनिकों ने मनोविज्ञान को मन या मस्तिष्क का विज्ञान कहा|
मनिया मस्तिष्क का विज्ञान के आने वाले मुख्य दार्शनिक पान्पोनाजी थे|
३ चेतना का विज्ञान-
मनोविज्ञान को चेतना का विज्ञान 19वी शताब्दी में माना गया| चेतना का विज्ञान मानने वाले मुख्य मनोवैज्ञानिक विलियम जेम्स, विलियम वुंट, जेम्स सली थे|
मैक्डूगल ने अपनी पुस्तक आउटलाइन साइकोलोजी के पृष्ठ संख्या 16 पर चेतना को एक बुरा शब्द बताकर उसकी आलोचना करते हुए लिखा है- “ चेतना एक बहुत बुरा शब्द है और यह मनोविज्ञान के लिए बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि यह शब्द साधारण प्रयोग में आ गया है|”
4 व्यवहार एवं अनुभूति का विज्ञान-
आत्मा, मन और चेतना के विज्ञान के रुप में मान्यता न मिलने पर बीसवीं शताब्दी में मनोविज्ञान को व्यवहार के विज्ञान के रुप में परिभाषित किया गया जिसे सब ने स्वीकार किया| व्यवहार का विज्ञान मानने वाले मुख्य मनोवैज्ञानिक वाटसन, स्किनर व वुदवर्थ थे|
मनोविज्ञान की परिभाषाएं
“ मनोविज्ञान जीवधारी तथा वातावरण की पारस्परिक अंत: क्रिया से संबंधित विज्ञान है”- वारेन
“मनोविज्ञान, मानव व्यवहार एवं मानव संबंधों का अध्ययन है”- क्रो एवं क्रो
“ मनोविज्ञान आचरण एवं व्यवहार का यथार्थ विज्ञान है|” -मैक्दुगल
साइकि का अर्थ है- आत्मा, लोगस का अर्थ हैं- अध्ययन| अर्थात साइकोलॉजी शब्द का शाब्दिक अर्थ है- आत्मा का अध्ययन
| मनोविज्ञान का प्रारंभ अरस्तु के समय में दर्शनशास्त्र की एक शाखा के रूप में हुआ था धीरे धीरे यह दर्शनशास्त्र से अलग होकर एक स्वतंत्र विषय के रूप में उभरकर सामने आया| दर्शनशास्त्र से एक अलग विषय के रूप में अपने इस यात्रा में मनोविज्ञान को अनेक अर्थ में परिभाषित किया गया |
१ आत्मा का विज्ञान- प्लेटो, अरस्तु
नए मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान के रूप में स्वीकार किया था| मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान 16 शताब्दी मैं स्वीकार किया गया|
2 मन या मस्तिष्क का विज्ञान-
17 शताब्दी में दार्शनिकों ने मनोविज्ञान को मन या मस्तिष्क का विज्ञान कहा|
मनिया मस्तिष्क का विज्ञान के आने वाले मुख्य दार्शनिक पान्पोनाजी थे|
३ चेतना का विज्ञान-
मनोविज्ञान को चेतना का विज्ञान 19वी शताब्दी में माना गया| चेतना का विज्ञान मानने वाले मुख्य मनोवैज्ञानिक विलियम जेम्स, विलियम वुंट, जेम्स सली थे|
मैक्डूगल ने अपनी पुस्तक आउटलाइन साइकोलोजी के पृष्ठ संख्या 16 पर चेतना को एक बुरा शब्द बताकर उसकी आलोचना करते हुए लिखा है- “ चेतना एक बहुत बुरा शब्द है और यह मनोविज्ञान के लिए बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि यह शब्द साधारण प्रयोग में आ गया है|”
4 व्यवहार एवं अनुभूति का विज्ञान-
आत्मा, मन और चेतना के विज्ञान के रुप में मान्यता न मिलने पर बीसवीं शताब्दी में मनोविज्ञान को व्यवहार के विज्ञान के रुप में परिभाषित किया गया जिसे सब ने स्वीकार किया| व्यवहार का विज्ञान मानने वाले मुख्य मनोवैज्ञानिक वाटसन, स्किनर व वुदवर्थ थे|
मनोविज्ञान की परिभाषाएं
“ मनोविज्ञान जीवधारी तथा वातावरण की पारस्परिक अंत: क्रिया से संबंधित विज्ञान है”- वारेन
“मनोविज्ञान, मानव व्यवहार एवं मानव संबंधों का अध्ययन है”- क्रो एवं क्रो
“ मनोविज्ञान आचरण एवं व्यवहार का यथार्थ विज्ञान है|” -मैक्दुगल
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