*त्वचा मानव शरीर का सबसे बडा अंग है |
*मेलेनिन नामक काले रंग का पदार्थ त्वचा को उसका रंग देता है तथा सूर्य के पराबैगनी किरणों को अवशोशित करके शरीर की रक्षा करता है
*त्वचा संवेदांग का भी काम करता है |
*त्वचा शरीर का बाह्यतम आवरण है |
*मनुष्य मे दुग्ध ग्रंथि ‘स्वेद ग्रंथि’ की रूपांतरित रचना है |
*जीव कोशिका मे खाद्य (ग्लूकोस) का आक्सीजन की सहायता से आक्सीकरण होता है, इससे कार्बन डाई आक्साइड उत्पन्न होती है तथा ग्लूकोस से ऊर्जा मुक्त होती है |
*वायुमण्डल के वायु के फेफडे में पहुंचने तथा अशुद्ध वायु के फेफडे से बाहर निकलने की क्रिया को श्वासोच्छवास क्रिया कहते हैं |
*श्वासोच्छवास मे वायु का मार्ग नासाद्वार - ग्रसनी – कण्ठ – श्वास नली – श्वसनिकाएं – कूपिकाएं होती हैं |
*मनुष्य मे श्वसन लेने की दर 18 बार प्रति मिनट होती है |
*वृषण मे टेस्टो-स्टीरोन तथा एण्ड्रो-स्टीरोन हार्मोन की उत्पत्ति के कारण ही नर में दाढी-मूछ का विकास, स्वभाव मे अंतर, नर जननांगों का विकास आदि लक्षण होते हैं |
*अण्डाशयों द्वारा स्रावित एस्ट्रोजन हार्मोन के कारण स्त्री मे मासिक चक्र तथा स्तन ग्रंथियों के विकास मे सहायता मिलती है |
*अण्डाशयों मे ही प्रोजैस्टीरोन नामक हार्मोन की उत्पत्ति के कारण स्तनों की वृद्धि, गर्भाशय की रचना आदि का विकास होता है |
*पीयूष या पिट्यूटरी ग्रंथि को मास्टर ग्रंथि कहते हैं | पिट्यूटरी ग्रंथि मस्तिष्क मे होती है |
*केचुआ, हाइड्रा, तथा जोक मे एक ही जीव नर तथा मादा दोनों युग्मकों को उत्पन्न करता है | ऐसे जीवों को उभयलिंगी या द्विलिंगी कहते हैं
*जंतुओं मे युग्लीना स्वपोषी है | इसकी कोशिका में पर्णहरिम पाया जाता है | यह भी पौधों की भांति प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाता है |
*श्वसन मे बाहर निकली वायु मे आक्सीजन की मात्रा 17% तथा कार्बन डाई आक्साइड की मात्रा 4% होती है |
*प्रकाश संश्लेषण में उत्पन्न होने वाली आक्सीजन जल से निकलती है |
*पौधों मे श्वसन की क्रिया दिन व रात दोनों मे होती है |
*प्रकाश संश्लेषण के द्वारा पौधे जो प्रथम खाद्य पदार्थ बनाते हैं वह शर्करा होता है |
*रसारोहण द्वारा अवशोषित जल तथा खनिज लवण पत्तियों तक पहुंचते हैं |
*निषेचन के बाद अण्डाशय फल मे बदल जाता है |
*मानव शरीर मे मांसपेशियों की संख्या 639 होती है |
*मानव शरीर की सबसे बडी मांसपेशी कुल्हा की मांसपेशी है |
*मानव शरीर की सबसे छोटी मांसपेशी स्टैपिडियस है |
*शरीर मे भोजन का पाचन मुख से प्रारम्भ होता है |
*पचे हुए भोजन का अवशोषण छोटी आंत मे होता है |
*भोजन के पाकाशय मे पहुंचते ही सबसे पहले इसमे यकृत से निकलने वाला पित्त रस आकर मिलता है |
*पित्त रस क्षारीय होता है, यह रस हरा-पीला होता है | यह भोजन को अम्लीय से क्षारीय बना देता है |
*यकृत की कोशिकाओं से पित्त रस का स्रावण होता है तथा पित्ताशय में एकत्रित होता है |
*मानव शरीर की सबसे बडी ग्रंथि यकृत (Liver) है |
*मानव शरीर की सबसे छोटी ग्रंथि पिट्यूटरी ग्रंथि (मास्टर ग्रंथि) है |
*शरीर के ताप को हाइपो-थैलम ग्रंथि नियंत्रित करती है |
*फाइब्रिनोजेन नामक प्रोटीन का उत्पादन यकृत से ही होता है; जो रक्त का थक्का बनने मे मदद करता है |
*हिपैरीन नामक प्रोटीन का उत्पादन यकृत के द्वारा होता है, जो शरीर के अंदर रक्त को जमने से रोकता है |
*मृत RBC को नष्ट करने का कार्य यकृत द्वारा किया जाता है |
*भोजन मे जहर दे कर मारे गये व्यक्ति की मृत्यु के कारणों की जांच मे यकृत एक महत्वपूर्ण सुराख होता है |
*पित्त भोजन के साथ आये हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करता है |
*यकृत यूरिया निर्माण मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है | यकृत एक उत्सर्जी अंग है |
*यकृत मे विटामिन ए का संग्रह होता है |
*पैरोटिड ग्रंथि में संक्रमण होने (फूलने) से मनुष्य में गलसुआ रोग हो जाता है |
*वृहद आंत्र मे अपचा भोजन मल के रूप मे बदलता है |
*मल मे बदबू इंडोल तथा स्कैटोल नामक रसायन के कारण होती है |
*मनुष्य के अग्नयाशय मे इंसुलिन का निर्माण होता है |
*शरीर की सबसे बडी पाचक ग्रंथि यकृत है |
*जठर रस आमाशय से निकलता है |
*अमोनिया का यूरिया मे परिवर्तन यकृत मे होता है |
*मनुष्य मे लार ग्रंथियों की संख्या तीन जोडी होती है |
*मनुष्य मे 12 जोडी कपाल तंत्रिकाएं और 31 जोडी मेरूरज्जु तंत्रिकाएं पायी जाती हैं |
*मनुष्य के शरीर मे हड्डियों की संख्या 206 तथा पसलियों की संख्या 24 होती है |
*मनुष्य की खोपडी मे 8 हड्डियां पायी जाती हैं |
*शरीर की सबसे मजबूत हड्डी जबडा की हड्डी होती है |
*शरीर की सबसे बडी हड्डी फीमर (जांघ की हड्डी) होती है |
*शरीर के सबसे छोटी हड्डी स्टेप्स (कान की हड्डी) होती है |
*STH हार्मोन (Somoto Tropic Hormone) शरीर की वृद्धि, विशेषतया हड्डियों की वृद्धि को नियंत्रित करता है |
* STH की अधिकता से भीमकायत्व विकार उत्पन्न हो जाते हैं | STH की कमी से मनुष्य में बौनापन हो जाता है |
*LHT हार्मोन (Lactogenic Hormone) को दुग्ध जनक हार्मोन कहते हैं | इसका मुख्य कार्य शिशु के लिए स्तनों मे दुग्ध स्राव उत्पन्न करना होता है |
*मल्टोज शर्करा को ग्लूकोज में बदलता है |
*कार्बोहाइड्रेट शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है |
*एक ग्राम बसा से 9.3 किलो कैलोरी ऊर्जा उत्पन्न होती है |
*शरीर मे जल का भार 65 – 80% होता है |
*हड्डियों एवं दातों को स्वस्थ रखने में सहायक अकार्बनिक पदार्थ फ्लुओरीन होता है |
*मूत्र का रंग पीला यूरोक्रोम के कारण होता है |
*थाइराइड ग्रंथि गले में पायी जाती है |
*सभी मानसिक क्रियाओं का नियंत्रण प्रमस्तिष्क (मस्तिष्क के अगले भाग) में होता है |
*सामान्य ऐच्छिक क्रियाओं जैसे- चलना-फिरना, बोलना का नियंत्रण अनुमस्तिष्क मे होता है |
*मनुष्य के मस्तिष्क का सबसे बडा भाग प्रमस्तिष्क होता है |
*शरीर मे रक्त परिभ्रमण मे 23 सेकेण्ड का समय लगता है |
*तत्काल ऊर्जा प्राप्त करने के लिए कार्बोहाइड्रेट किया जाता है |
*केचुए में 4 जोडी हृदय होते हैं | इसके जीव द्रव्य मे हीमोग्लोबिन का विलय होता है |
Thanxx sir ji for these type of knowledgeable Articles 😋
ReplyDeleteI Harsh Srivastava watched your all Articles thanxx for knowledge
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